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Sunday 4 October 2015

खुद को हमने हाय अभिमन्यु बना लिया है

इच्छाओ के भंवर में पूरी तरह धंसा लिया है
खुद को हमने हाय अभिमन्यु बना लिया है

चाहते तो सभी है जुड़े रहे अपनों से मगर
खुदगर्ज़ भागदौड़ में खुदी की नही है खबर
रूह कसमसाती है सुबह शाम रात-ओ-दिन
ना फैंसला हुआ जी सकते नही किसके बिन
परेशानियों का कैसा ये बाज़ार सज़ा लिया है
खुद को हमने हाय..............

कल तक की बात थी मुस्कुराते बचपन की
अब पी गए उमर हम एक तिहाई जीवन की
आते ही हाय जाने की तैयारियों में जुट गए
अ जिंदगी तुझे तो समझते ही हम लुट गए
ताश के पत्तों का कैसा महल जंचा लिया है
खुद को हमने हाय ..............

अहसास सिसकता है तन्हाइयों में बैठकर
क्या पाया प्यार में आपस में हमने ऐंठकर
हम वक्त और जन्म दोनों ही हार चले है
क्या तुझे खबर है हम किसके हाथों छले है
अफ़सोस के दलदल में जन्म फंसा लिया है
खुद को हमने हाय............. 

Sunday 10 March 2013

मैं यादों के बियाबां में जब नजरे घुमाता हूँ

लम्बे टाइम के बाद एक गीत लिखा है ..............

मैं यादों के बियाबां में जब नजरे घुमाता हूँ
जी घबराता है सांसे तक ले नही पाता हूँ

न जाने दिन वो कैसे थे नही था दर्द सीने में
बहुत मस्त रहता था मजा आता था जीने में
मगर अब हाल उल्टा है न ढंग से मुस्कुराता हूँ
यादों के बियाबां में......................

नजर से गिरा हूँ तो वो क्यूं दिल में जगह देगा
परेशाँ हूँ एक दिन मुझे सचमुच भूला देगा
यही सब सोच अश्को की बारिश में नहाता हूँ
यादों के बियाबां में......................

वो मेरे पूण्य का फल था समझ आ रहा है अब
नही तो उसके जाते ही गडबड हो गया क्यूं सब
बहुत बेचैन हूँ दिन रात अब मैं चिल्लाता हूँ
यादों के बियाबां में......................

Tuesday 4 December 2012

छोड़कर चला गया वो बिना ही कसूर के ,,,,

जान तेरी दुनिया में मैं प्यार देने आया था
मारी क्यूं ठोकर मैं तो करार देने आया था,,,,,,,,,      शेर,,,,,,

धडकनों में साँसों में,, सारी दुनिया से लड़कर,,
पहली बार प्यार करके;;;जिसको बसाया था ,,,
छोड़कर चला गया वो बिना ही कसूर के ,,,,,,

काश देख ले तू आके हाल कैसा है मेरा
मैं कांपता हूँ रोते रोते नाम ले ले तेरा
कैसे समझाऊँ मेरी सुबकी बढती जाती है
जितना भुलाऊँ तेरी उतनी याद आती है

जीऊंगा मैं कैसे यारो बिना अपनी हूर के ..........
छोड़कर चला गया क्यूं बिना ही कसूर के ,,,,,,

कैसे बतलाऊँ तू कितना मुझको प्यारा था
जिंदगी को जीने का तू ही एक सहारा था
क्या मैं जान सारी उम्र ऐसे ही रोऊंगा
क्या कभी गोद में सर न रखके सोऊंगा

बेचैन देख पायेगा कब जलवे तेरे नूर के........
छोड़कर चला गया क्यूं बिना ही कसूर के ,,,,,,

धडकनों में साँसों में,, सारी दुनिया से लड़कर,,
पहली बार प्यार करके;;;जिसको बसाया था ,,,
छोड़कर चला गया क्यूं बिना ही कसूर के ,,,,,,

Monday 6 August 2012

पागल तो ना थे वक्त ने पागल बना दिया



पागल तो ना थे वक्त ने पागल बना दिया
जग सो रहा है मुझको ये किसने जगा दिया

रिश्तों की भीड़ देख ली देखा जमाने को
तैयार है एक दूजे की शमा बुझाने को
जिसको भी देखा खोया है वो अपनी दुनिया में
जी भरके हमको लूटा है अपनी तमन्ना ने
हाय रे रोग दिल को ये किसने लगा दिया
पागल तो ना थे ....................................


अपनी ही लाश काँधे पे सब लादे हुवे है
इस जिंदगी के मौत से कुछ वादे हुवे है
किस्मत की लकीरों का मोहरा बने है हम
कहने को जिंदा है मगर आँखों में नही दम
जीते जी कब्र में मुझे किसने सुला दिया
पागल तो ना थे ....................................

रिश्ते नाते बंटते थे सुनते थे कभी से
इंसान बंट गये है सुना है ये अभी से
ना जाने क्या क्या देखेंगे जीते जी दोस्तों
कोई ऐसा जतन बतला दो पा ले मौत को
अ आसमान तेरा हमने क्या बुरा किया
पागल तो ना थे ....................................

खुशियों को तरसती है आज आँखे सभी की
आंसू से नही खून से क्यूं पलकें है भीगी
इक आग सुलगती है आज सबके सीने में
है कौन वो जिसको मजा आया हो जीने में
बेचैन जिंदगी ने ये अच्छा सिला दिया
पागल तो ना थे ....................................

Friday 11 May 2012

पूरे पानीपत में हंगामा हो गया

वो सर पे करके पल्लू
संग चले हल्लू हल्लू
हुई तकरार सडक पर ही ड्रामा हो गया
यारों पूरे पानीपत में हंगामा हो गया ............वो सर पे करके ..........

दोनों अनाड़ी ना जाने क्या है आशिकी
पर दोनों लगा दी दांव पर ही जिंदगी
बस खुश थे यही सोच कर हम साथ साथ है
मिलना बिछड़ना तो सब किस्मत के हाथ है
इक खौफ दोनों के मन में रामा हो गया
यारों पूरे पानीपत में हंगामा हो गया ............वो सर पे करके ..........

दोनों की नजर में सिटी अनजान जो ठहरी
इक रेस्टोरेंट ना मिला हमें सारी दोह्परी
कभी बैठते रिक्शा में कभी ऑटो पकड़ते
यूं बिताये दो घंटे हमने गिरते और पड़ते
भारी कमाल हाय मेरे मामा हो गया
यारों पूरे पानीपत में हंगामा हो गया ............वो सर पे करके ..........

वो सच ही कहता है मुझे मैं लल्लू राम हूँ
नही ढंग से करता कुछ भी बिगड़ा काम हूं
पहली दफा मिले और ये अफ़सोस दोस्तों
सब सोच के हो जाता हूँ खामोश दोस्तों
रंग धुप में मेरी जान का ओबामा हो गया
यारों पूरे पानीपत में हंगामा हो गया ............वो सर पे करके ..........

जब दोनों हुवे रुखसत तो रोने लगा वो
मेरी गलतियों को आंसुओ से धोने लगा वो
सोचा किस गरीब से है दिल को लगाया
पहली मुलाकात और पानी तक ना पिलाया
हाय बेचैन महोब्बत में सुदामा हो गया
यारों पूरे पानीपत में हंगामा हो गया ............वो सर पे करके ..........

Saturday 10 March 2012

मत फेसबुक पर प्यार कर पछतायेगा बेटा



मत फेसबुक पर प्यार कर पछतायेगा बेटा
तू शादीशुदा है, तो बीवी से भी जाएगा बेटा

बरबाद कर देगा तुझको चैटिंग का चस्का
ऑनलाइन का अफेयर है फटा नोट दस का
इस फटे नोट से लेकर क्या खायेगा बेटा ...........तू शादीशुदा है.......


यहाँ काली कलूटी भैंगी भी दिखे एश्वर्या जैसी
जो एक साथ करती है कईयों की ऐसी तैसी
मेरी मानेगा या खाट खड़ी करवाएगा बेटा........तू शादीशुदा है.......

तू गधा है उल्लू का पट्ठा है तो कर ले जा प्यार
तुझे मिलेंगे एफबी पर तुझसे ही घटिया रिश्तेदार
इन रिश्तेदारों से कब तक तू निभाएगा बेटा ........तू शादीशुदा है.......

सुनो फेसबुक है यारो बस महज़ टाइम पास
संजीदा होकर मत करना तुम कोई विश्वास
वरना चैन उड़ेगा तू बेचैन हो जाएगा बेटा ........तू शादीशुदा है.......

Thursday 22 December 2011

नया साल आने से पहले ही आपको मुबारकबाद दे रहा हूँ कबूल कीजिये




कामयाबियो का एक सिलसिला मिले
नया साल तुझे फूल जैसा खिला मिले

  
आँखों में रहे चमक होठों पर मुस्कान
ख़ुशी के लम्हे तुझपर हो जाए कुर्बान
तुझसे किसी को भी कुछ ना गिला मिले
नया साल तुझे .....................

व्यपार हो या इश्क रहे खूब मुनाफ़ा
शोहरत में दिनों दिन होवे इजाफा
ख़्वाबों को हकीकत का काफिला मिले
नया साल तुझे .....................

यार- दोस्तों में और रिश्तेदारों में
तेरी ही तारीफ हो चाँद सितारों में
वफाओ का तुझे मुस्कुराता सिला मिले
नया साल तुझे .....................

कमीनो से तेरा ना कभी वास्ता पड़े
ना बात तेरी काटने को कोई भी अड़े
बेचैन सा हर शख्स तुझको भला मिले
नया साल तुझे .....................