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Monday, 19 December 2011

हालाकि मैंने ऑनलाइन बड़े ही गहरे रिश्ते को पाया है, मगर मेरे एक दोस्त की फरमाइस पर फेंक आई डी वालो के लिए एक गीत देखिएगा .......



मुझे जितना खोजोगी मैं उतना खो जाऊंगा 
फेसबुक का फ्रेंड हूँ फेस टू फेस ना आउंगा

मैं तुम्हारे कमेंट्स पर सब नजरे रखता हूँ
करती हो क्या क्या लाइक खबरे रखता हूँ
पर अपनी सी आई डी तुझे ना बतलाऊंगा ,,,,,,,,,,
फेसबुक का फ्रेंड हूँ.....................

जानेमन दिल से तुम मेरा ख्याल निकाल दो
जो हम दोनों में  है उस पर मिटटी डाल दो
नही मानोगी तो तुझको अनफ्रेंड कर जाऊंगा
फेसबुक का फ्रेंड हूँ.....................

नही कामयाब होती है यह ऑनलाइन सेटिंग
छोड़ डार्लिंग इश्क महोब्बत की करना बैटिंग
तेरी जुल्फों की चैटिंग में मैं उलझ ना पाउँगा
फेसबुक का फ्रेंड हूँ.....................

अब एक बात आखरी सुन मैं ना कोई हैंडसम
तुम भी मोटी हो वेट तुम्हारा नही मुझसे कम
मैं बेचैन झूठी आई डी से ना इश्क लड़ाउंगा
फेसबुक का फ्रेंड हूँ.....................


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