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Tuesday 4 December 2012

छोड़कर चला गया वो बिना ही कसूर के ,,,,

जान तेरी दुनिया में मैं प्यार देने आया था
मारी क्यूं ठोकर मैं तो करार देने आया था,,,,,,,,,      शेर,,,,,,

धडकनों में साँसों में,, सारी दुनिया से लड़कर,,
पहली बार प्यार करके;;;जिसको बसाया था ,,,
छोड़कर चला गया वो बिना ही कसूर के ,,,,,,

काश देख ले तू आके हाल कैसा है मेरा
मैं कांपता हूँ रोते रोते नाम ले ले तेरा
कैसे समझाऊँ मेरी सुबकी बढती जाती है
जितना भुलाऊँ तेरी उतनी याद आती है

जीऊंगा मैं कैसे यारो बिना अपनी हूर के ..........
छोड़कर चला गया क्यूं बिना ही कसूर के ,,,,,,

कैसे बतलाऊँ तू कितना मुझको प्यारा था
जिंदगी को जीने का तू ही एक सहारा था
क्या मैं जान सारी उम्र ऐसे ही रोऊंगा
क्या कभी गोद में सर न रखके सोऊंगा

बेचैन देख पायेगा कब जलवे तेरे नूर के........
छोड़कर चला गया क्यूं बिना ही कसूर के ,,,,,,

धडकनों में साँसों में,, सारी दुनिया से लड़कर,,
पहली बार प्यार करके;;;जिसको बसाया था ,,,
छोड़कर चला गया क्यूं बिना ही कसूर के ,,,,,,

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